सिब्बल ने पंजा त्यागा,
चिंतन शिविर से टूटा धागा।
चढ़ साइकिल रा स भागा,
गिर चुका है साइकिल से रागा...
दोनो दलों में परिवार की राजनीति है।राजनेतिक सोच भी एक है। क्या आने वाले समय में दोनो दलों में गठबंधन मजबूत करने की कोई चाल है या फिर सिब्बल का कुर्सी मोह..
देखते हैं क्या होगा..