हमारे देश में न्याय को..अन्याय के उसी रास्ते से गुजरना होता है..एक सिद्धांत काम करता है "हमारे यहां,हर बेईमानी का काम बड़ी ईमानदारी से किया जाता है"
जैसे कि गोगोई,जो राज्य सभा में बैठे हैं, ठीक उसी तरह अनेकों लोग ओर होंगे जो तस्वीर में नहीं है,
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बहुमत का राज है। सत्कर्म करने वालों का बहुमत हो तो सतयुग, कुकर्मियों का बहुमत है तो कलियुग।पीढ़ियों से यही शक्ति काम करती आई है।
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