न ही यह पहला युध्द है, न ही यह पहला इवैकुऐशन, न ही पहली महामारी थी, न ही पहली बाढ, न ही पहली बार काश्मीर में सेना,न ही पहला कुम्भ , न ही पहली बार दीपक हर बार बस समारोह,चाहे स्टेशन पर झाढू ही क्यों न लग रही हो,चाहे स्टेशन पर घूमने का मन कर आया हो, चाहे मोर को दाना खिलाया हो,