वही इवेंट मैनेजमेंट कंपनी से बुलाए गए किराए के नर्तक, वही 12-13 लोग, वही कविता सुनाता बच्चा और वही महिमामंडन करती अंजना ओम् कश्यप।
साहब के विदेश दौरों से स्क्रिप्ट काफी समय से बदली नहीं गयी, ऐसे ही चला तो जादूग़र का खेल दर्शकों के समझ में आ जाएगा।
थोड़ा तो क्रीएटिव बनिए। 😀